aaina Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps March 31, 2008 एक सुंदर सी कविता पढ़ी हैं आपके साथ बाँटना चाहती हूँ आज फिर आईने ने दोहराया तेरी आँखो में ये नमी सी क्यों है तू औरत है तो क्या हुया आख़िर राहे हक में कमी सी क्यों है Read more