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chand

रात भर चाँद चलता रहा रात का पहरा ढलता रहा सुबह के आगोश में आने को चाँद का मन मचलता रहा सुरमई साँझ से निकला चाँद बदली की ओट में छुपता रहा रात का आँचल ढलते ही सुबह के साये में गुम हुआ सूने से आकाश में चमके यूँ पूनम का चाँद .... यादों में चांदनी उतरती करीब चला आया चाँद ...
http://www.kritya.in/0507/hn/index.html http://www.kritya.in/0308/hn/index.htm dec 2009 issue jan 2008 issue