aaina

एक सुंदर सी कविता पढ़ी हैं आपके साथ बाँटना चाहती हूँ

आज फिर आईने ने दोहराया
तेरी आँखो में ये नमी सी क्यों है
तू औरत है तो क्या हुया
आख़िर राहे हक में
कमी सी क्यों है

Comments

Popular posts from this blog

सावन