सावन
रुकी रुकी सी बारिशों के बोझ से दबी दबी
झुके झुके से बादलों से -
धरती की प्यास बुझी
घटाओं ने jhumkar मुझसे कुछ कहा तो है
बूंदे मुझे छू गई -
तेरा ख्याल आ गया
सोंधी खुशबू वाला पानी तुझसे भी कुछ कहता होगा
बादल ने बारिश के हाथों
तुझको भी कुछ भेजा होगा
मेघों ने बरसकर ,
तुझसे कुछ कहा है क्या -
सावन की रिमझिम में
तेरा ख्याल आ गया
---नीलिमा गर्ग
झुके झुके से बादलों से -
धरती की प्यास बुझी
घटाओं ने jhumkar मुझसे कुछ कहा तो है
बूंदे मुझे छू गई -
तेरा ख्याल आ गया
सोंधी खुशबू वाला पानी तुझसे भी कुछ कहता होगा
बादल ने बारिश के हाथों
तुझको भी कुछ भेजा होगा
मेघों ने बरसकर ,
तुझसे कुछ कहा है क्या -
सावन की रिमझिम में
तेरा ख्याल आ गया
---नीलिमा गर्ग
Comments
तुझको भी कुछ भेजा होगा
kya bat hai jidhar dekhiye barish......apna kahar dha rahi hai.