chand

रात भर चाँद चलता रहा
रात का पहरा ढलता रहा
सुबह के आगोश में आने को
चाँद का मन मचलता रहा


सुरमई साँझ से निकला चाँद
बदली की ओट में छुपता रहा
रात का आँचल ढलते ही
सुबह के साये में गुम हुआ


सूने से आकाश में चमके
यूँ पूनम का चाँद ....
यादों में चांदनी उतरती
करीब चला आया चाँद ...

Comments

प्रेम रस में डूबी हुई सुन्दर रचना
पढ़कर अच्च्ची लगी रचना
सूने से आकाश में चमके
यूँ पूनम का चाँद ....
यादों में चांदनी उतरती
करीब चला आया चाँद ...
सुन्दर प्रेमाभिवयक्ति शुभकामनायें
सदा said…
यादों में चांदनी उतरती
करीब चला आया चाँद ...!

बहुत ही सुन्‍दर पंक्तियां, बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।
पूरी कविता अच्छी लगी परंतु विशेष रूप से शुरू की चार पंक्तियाँ तो बेहतरीन हैं....बढ़िया रचना..प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार..
Urmi said…
मुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! बहुत बढ़िया लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है!
मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
Urmi said…
आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!
बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!
कोमल से एहसास....अच्छा लगा पढ़ना..

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