चाँद का चेहरा , सबने देखा है
चाँद में चेहरा हमने देखा है ---
रात के आँचल में , बूटे सा सजा चाँद
अम्बर के सीने में , यादों सा खिला चाँद
पर्वतों के पीछे से , झांकता चाँद
पत्तों के झुरमुट से हिलता डुलता चाँद
हवा के झोंके से सरसराता चाँद
सर्दी की रात में कंपकपाता चाँद
सितारों की दुनिया में अकेला तनहा चाँद
यादों में हौले से दस्तक देता चाँद --
Comments
पर्वतों के पीछे से , झांकता चाँद
इस पंक्तियों को पढ़ कर बहुत पुरानी अपनी लिखी एक कविता याद आ रही है :) चाँद हर किसी का दिल अजीज है बहुत सुंदर लिखा है आपने
Aap bahut sundar likhti ho...
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