गुलमोहर

गुलमोहर
लाल , बैंगनी ,पीला -
हर रंग में खिलता है गुलमोहर
धूप में छाँव की तरह
घने पत्तों के साये में -
शीतल बयार की तरह
पीले खिले फूल
-तुम्हारी मुस्कान की तरह
नीले आसमान के नीचेखिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
-मन की आग की तरह

Comments

mehek said…
नीले आसमान के नीचेखिले बैगनी फूल -
किसी याद की तरह
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
-मन की आग की तरह bahut hi khubsurat
हर रंग में खिलता है गुलमोहर .....गुलमोहर मुझे भी बहुत आकर्षित करता है .बहुत सुन्दर
Shikha Deepak said…
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
-मन की आग की तरह

सुंदर............... मुझे भी यह दहकते हुए ही लगते हैं।
Alpana Verma said…
sundar kavita hai Neelima ji.
kabhi muskan to kabhi man ki aag!bahut khuub!
शाखों से लटकते लाल गुलमोहर
मन की आग की तरह,
हर रंग में खिलता है गुलमोहर,
तुम्हारी मुस्कांकी तरह .

अच्छी लगी रचना . मैंने पंक्तियाँ पलट कर पढ़ा फिर भी अच्छा लगा.

खली पन्ने
AAP LIKHTE BHI BAHUT BAHUT ACCHA HO.......
KAMAAL K BHAV DAALE HAIN AAPNE APNI IS RACHNA MAIN JITNA KAHUIN UTNA KAM..........

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